ब्लूस्टार ऑपरेशन की याद मे जो दरबार साहिब में महोत्सव रखा गया और उसमे जिस तरह से दो गुट आपस में लड़े वह देख कर बहुत दुःख हुआ ।
सिख धर्म हमेशा से ही वीर एवं साहस के लिए जाना गया है । पर अफ़सोस यह वीरता देश एवं धर्म की रक्षा की जगह एक दुसरे को मिटाने के लिए प्रयोग करी गयी । वह मंज़र बहुत डराने वाला थ. तलवार लिए शूरवीर एक दुसरे के ऊपर प्रहार कर रहे थे । एक सच्चा धार्मिक व्यक्ति कदापि एक धार्मिक स्थल पे ऐसा घिनौना कार्य नहीं करेगा । अवश्य ही यह एक सियासी लड़ाई है जिसमे स्वार्थ और सत्ता भोगी अपने फायदे के लिए अपने विपक्ष का नुक्सान करने का प्रयास कर रहे हैं । मुद्दा भी हैरान करने वाला था । सिर्फ माइक पे न बोलने की वजह से यह झगड़ा शुरू हुआ ।
पंजाब और पंजाबी एक बड़ा ही गज़ब संगम है । बड़बोले पर दिल से साफ़, मेहनती पर सबसे बड़े खर्चीले भी, रात को मुर्गे के दीवाने पर सुबह आलू के परांठे के लालची भी । पंजाबी हो और यह सब खूबियां न हो, ऐसा हो नहीं सकता । इस धर्म और इस प्रदेश ने भारत की भूमि को अनेक खूबियां दी है ।
नए सांसद बने श्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पे सही टिप्पणी करी है । वह बोले "धर्म हमेशा राजनीति को दिशा मार्ग देता है । परन्तु कुछ सालों से विपरीत हो रहा है की राजनीति धर्म को दिशा दे रही है । " शायद यह आजकल हरेक प्रदेश और धर्म में हो रहा है । कुछ सियासतदार मुस्लाम के रखवाले बन चुके हैं, कुछ हिन्दुओं के, कुछ दलित के, कुछ बंगाली के, गुजराती के वगैरह वगैरह । बाबा जी से दुआ है की इन सियासी लोगों को सद्बुद्धि दे ताकि जिस देश को सबने मिलके आज़ाद कराया है उसको अब फिर से कमज़ोर वे ना बाँट दें ।
सत श्री अकाल । जय भारत !
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